6 अप्रैल 2017

पटना में चर्च की जमीन पर बन रहा का सुपर मार्केट

पटना Live डेस्क। राजधानी पटना के पुराने गिरजाघरों में शुमार लोदीपुर चर्च(पुलिस लाइन के बगल में) की जमीन पर इन दिनों सुपर मार्केट बनाया जा रहा है। निर्माण करने वाली कंपनी मेसर्स उत्कर्ष स्फ़टिक प्राइवेट लिमिटेड है। यह कंपनी सीमेंट बनाने वाली कंपनी अम्बुजा सीमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के साथ साझेदारी है। जिस जमीन पर यह कंपनी अत्याधुनिक सुपर मार्केट बनवा रही है, उस जमीन पर पहले एंगस स्कूल के अलावा ईसाई मिशनरी संस्था के द्वारा अनेक प्रकार के जनहितार्थ गतिविधियां संपन्न होती थीं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मेसर्स उत्कर्ष स्फ़टिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी भाजपा के एक बड़े नेता की है, जिसका नामकरण उन्होंने अपने बेटे के नाम पर किया है। सूत्र यह भी बताते हैं कि इस कंपनी में उनके रिश्तेदार भी शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि चर्च की जमीन का एक हिस्सा(करीब साढे सात एकड़) सदय कृष्ण कानोडिया के नाम से हस्तांतरित की गयी। जबकि दिल्ली हाईकोर्ट के एक फ़ैसले के अनुसार मिशनरी संस्थाओं की जमीन की बिक्री नहीं हो सकती है। जिन दिनों इस जमीन पर कब्जा किया गया उन दिनों बिहार में नीतीश कुमार और सुशील मोदी की सरकार थी। बताया जाता है कि उन दिनों पावर का इस्तेमाल कर इस जमीन पर कब्जा किया गया।
यहां के स्थानीय निवासी भी इस सच को मानते हैं कि जिस जमीन पर सुपर मार्केट बन रहा है, वह चर्च की जमीन का हिस्सा है। स्थानीय लोगों के अनुसार इस जमीन पर पहले स्कूल आदि चलते थे, जहां स्थानीय गरीबों के बच्चे पढते थे। कई स्थानीय नाम नहीं छापने की शर्त पर बताते हैं कि इस जमीन पर भाजपा के एक बड़े नेता ने कब्जा किया है।
दरअसल राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों की सांठ-गांठ के कारण राजधानी पटना में देखते ही देखते पटना के सबसे पुराने चर्च में शुमार लोदीपुर चर्च का अस्तित्व संकट में आ गया है। उधर चर्च के फ़ादर का कहना है कि चर्च की जमीन पर कोई अतिक्रमण नहीं हुआ है। उनका कहना है कि जिस जमीन पर निर्माण चल रहा है, वह मिशनरी की जमीन थी। वहीं स्थानीय निवासियों का कहना है कि जमीन के खेल में मिशनरी के कुछ लोग भी शामिल थे।
बहरहाल चर्च की जमीन पर अतिक्रमण को स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है। ईसाई समुदाय के लोगों ने इसका विरोध करना बंद कर दिया है। वहीं स्थानीय निवासी भी अब इस मामले में चुप ही रहना चाहते हैं। लिहाजा अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं।

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