पटना Live डेस्क। भागलपुर में 19 मार्च की रात तिलकामांझी थानाध्यक्ष विजय चंद्र शर्मा की मौत को लगभग 12 दिन हो चुके हैं। अब तक कुछ भी साफ नहीं हो पाया है। हत्या के 5 दिन बाद तक फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल और दुर्घटनाग्रस्त स्कार्पियो की जांच की थी। उनके परिजन सड़क दुर्घटना में मौत होने की बात मानने को कतई तैयार नहीं हैं। विजय चंद्र शर्मा की पत्नी प्रियंका शर्मा के अनुसार उनके पति की दुर्घटना में मौत नहीं हुई है बल्कि अपराधियों ने साजिश के तहत उन्हें मारा है। वहीं विजय के भाई अमर कुमार और बहन दिव्या ने भी भाई के हत्या की बात कहते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। पत्नी प्रियंका ने कहा कि अकेले गाड़ी चलाते हुए खुले रनवे पर इस तरह की दुर्घटना की बात गले नहीं उतर रही है।विजय के परिजन आशंका जताते है कि उनकी हत्या को दुर्घटना की शक्ल देने की कोशिश की गई है। परिजन का कहना है कि स्कॉर्पियो को कहीं और टक्कर मारी गई है। इसके बाद गाड़ी को हवाई अड्डा के रनवे पर दुर्घटना की शक्ल देने खातिर छोड़ दिया गया। उनका कहना है कि शर्मा की मौत दुर्घटना में नहीं हुई, बल्कि उन्हें साजिश कर मारा गया है। क्योंकि शरीर पर एक भी खरोच के निशान नहीं है। वहीं सूत्रों की मानें तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर में चोट लगने की बात सामने आई थी।
शरीर पर खरोच के कोई निशान नहीं
विजय शर्मा के परिजन दुर्घटना की बात को मानने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि शर्मा की मौत दुर्घटना में नहीं हुई, बल्कि उन्हें साजिश कर मारा गया है। क्योंकि शरीर पर एक भी खरोच का निशान नहीं है। वहीं सूत्रों की मानें तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर में चोट लगने की बात सामने आई है।
तेज रफ्तार गाड़ी चलाने की क्यों पड़ी जरूरत
पुलिस इस घटना का कारण तेज रफ्तार में गाड़ी चलाना मान रही है। मगर देर रात रनवे पर इतनी तेज रफ्तार गाड़ी चलाने की जरूरत विजय को क्यों पड़ी यह भी बड़ा सवाल है। पुलिस का कहना है कि तेज रफ्तार में मोड़ने की कोशिश में गाडी पलटी होगी। किंतु यह कारण भी संदेह पैदा कर रहा है। पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है कि कहीं विजय किसी का पीछा तो नहीं कर रहे थे।
पिछले चक्के पर मिला है गोल निशान
स्कार्पियो दुघर्टना होने पर आगे दाहिने ओर के दोनों चक्के ब्लास्ट होने की बात किसी को नहीं हजम हो रही है। गाड़ी के दाहिने और पिछले चक्के में गोली की शक्ल में एक छोटा निशान बना हुआ है। जिसे पुलिस अधिकारी बार-बार देख रहे थे। इस निशान की भी जांच पुलिस कर ही है कि वह सामान्य निशान है या कुछ और।
देर रात अकेले क्यों निकले शर्मा
पुलिस प्रशासन ने थानेदारों को किसी भी अपराधी की गिरफ्तारी के लिए अकेले नहीं जाने के लिए निर्देश दिया गया था। लेकिन कुछ पुलिस वालों के मुताबिक थानाध्यक्ष प्रतिदिन हवाई अड्डा परिसर की सुरक्षा जांच के लिए वहां जाते थे। ऐसे में यह भी सवाल पैदा हो रहा है कि आखिरकार वे अकेले क्यों निकले।
रात में एमवीआई ने गाड़ी की जांच
थानेदार की मौत के बाद आइजी ने एमवीआई गौतम कुमार को मौके पर बुलाया। घटना में गाड़ी के चार पलटी खाने का अनुमान लगाया जा रहा है। घटनास्थल से करीब दो सौ गज की दूरी पर गाड़ी की स्टेपनी पड़ी हुई मिली। थानेदार की पिस्टल,गोलियां,मोबाइल,पर्स घटनास्थल के पास ही बिखरे पड़े थे। अहले सुबह सदर एसडीओ कुमार अनुज ने मेडिसीन एंड फोरेंसिक हेड संदीप लाल को दारोगा का पोस्टमार्टम लिए बुलाया।
देह व्यापार का अड्डा है हवाई अड्डा परिसर
हवाई अड्डा परिसर देर रात वेश्यावृत्ति और बदमाशों का अड्डा बन जाता है। हवाई अड्डा परिसर स्थित मोदी मंच और उसके नजदीक पेड़ो के किनारे देर रात इस तरह के अनैतिक काम होते हैं। विजय चंद्र शर्मा को इस बात की जानकारी थी। इस कारण वे रात में भी प्रतिदिन थाने के गश्ती टीम को वहां भेजते थे और घर जाते समय खुद भी गश्ती कर वहां से निकलते थे। ऐसे में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
गाड़ी से दारोगा की बॉडी बाहर निकलना बनी अनसुलझी पहेली
जांच टीम के सदस्यों ने शनिवार को दारोगा की दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी की करीब एक घंटे तक बारीकी से जांच की। जांच टीम के सदस्य सुनील कुमार ने पीछे से गाड़ी के अंदर जाकर उसकी स्थिति को देखा। वे भी इस बात से सकते में हैं कि आखिर दारोगा की बॉडी इतनी भीषण दुर्घटना में बाहर कैसे निकली। उन्होंने कहा है कि ऐसी दुर्घटनाओं में ड्राइवर अपनी सीट पर ही फंसा रह जाता है।
तेज गति होती तो सामने आए जानवर या व्यक्ति भी मारा जाता
वहीं स्थानीय पुलिस इस मामले को दुर्घटना बता रही है। उसका कहना है कि तेज गति से गाड़ी के सामने यदि किसी जानवर के आने से ब्रेक लगाने के दौरान घटना घटी होगी। मगर सवाल यह है कि यदि गाड़ी की रफ्तार तेज रहती तो सामने आए जानवर या कोई व्यक्ति भी अवश्य मारा जाता। लेकिन घटनास्थल पर सिर्फ दारोगा के अलावा और किसी व्यक्ति या जानवर का शव नहीं मिला है।
गाड़ी हर तरफ से हुई है दुर्घटनाग्रस्त
गाड़ी की जांच के दौरान सिटी डीएसपी शहरयार अख्तर पुलिस लाइन पहुंचे। वहां गाड़ी की जांच के दौरान टीम के सदस्यों ने इस बात पर काफी आश्चर्य व्यक्त किया कि गाड़ी हर ओर से कैसे दुर्घटनाग्रस्त हुई है। गाड़ी के चारों ओर खरोच के निशान हैं। वहीं गाड़ी एक ओर से ज्यादा दुर्घटनाग्रस्त हुई है। इस कारण दुर्घटना में दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी और घटनास्थल पर मिले साक्ष्य में मेल नहीं खा रहे हैं।
गाड़ी की दिशा और दशा नहीं खा रहे मेल
जांच टीम ने गाड़ी की दिशा और दशा के बारे ऐसे लोगों से जानकारी ली, जिन्होंने सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचकर विजय चंद्र शर्मा की बॉडी को निकाला था। किंतु सूत्रों की मानें तो उन लोगों को भी यह बात पच नहीं रही है कि सामने से आ रही गाड़ी पलटी मारने के बाद इतनी कम ही दूरी तक गिरेगी। इस कारण उन लोगों ने पूरे घटनास्थल की मापी कराई है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें