6 मार्च 2017

बड़ी खबर - फरार हुए दियारे के दादा सोहन राय का बृजनाथी केस के एफआईआर में नहीं है नाम

पटना Live डेस्क। वर्षो से पटना दियारे में अपनी आपराधिक साम्राज्य का अघोषित किंग रहा कुख्यात सोहन राय आज अहले सुबह पीएमसीएच के कैदी वार्ड से हाजीपुर में कई आपराधिक काण्डों में शामिल रहे जितेंद्र पासवान के साथ फरार हों गया। फरार हुए कुख्यात सोहन राय का लंबा चौड़ा आपराधिक इतिहास रहा है। साथ ही इलाके में अपनी ज़मीनी पकड़ और सियासी सरपरस्ती की बिना पर इस 50 वर्षीय सरगना ने फर्श से अर्श तक सफर तय किया है। वही कैदी वार्ड से फरार इस सरगना का नाम बृजनाथी हत्याकांड के प्रथम एफआइआर में नही है। वही कई गिरफ़्तार लोगो ने इसका नाम घटना में लिया था। इसकी गिरफ्तारी आर्म्स एक्ट के तहत हुई।थी।
                         सनद रहे की बृजनाथी हत्याकांड में चर्चा में आये उस सरगना को 9 महीने दशको से फरार दियारा क्षेत्र के आतंक 50 वर्षीय सोहन राय को एसटीएफ टीम ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के वक्त कुख्यात सोहन राय अपनी पत्नी और जफराबाद क्षेत्र से जिला परिषद् खातिर निर्वाचित रुना देवी के शपथ लेने के लिए हाजीपुर प्रशासन से डेट लेकर, प्रखंड प्रमुख की सीट पर कब्जे खातिर रणनीति बनाने के 6 गाड़ियों के काफिले जिसमे एक गाड़ी पर पूर्व विधायक राघोपुर भोला राय भी सवार थे के संग वापस अपने गाँव सर्फाबाद डीह लौट रहा था। स्कोर्पियों जिस पर "दादा" लिखा है, जिसका नंबर BR01PQ 6161 पर सवार था। स्कोर्पियो उसका भतीजा संजीत उर्फ़ दुअनिया ड्राइव कर रहा था।साथ ही गाडी में तीन अन्य  जिनमे नंदू पिता रामजी राय जुरवानपुर, जगदीश और रंजीत सवार थे।
                  6 गाड़ियों का यह काफिला धूल उड़ाते और हरबे हथियार से लैश सोहन राय की अगुवई में कच्ची दरगाह की ओर से पीपापुल पार कर जैसे ही रुस्तमपुर पंचायत की ओर बढ़ा ही था कि पूर्व से ही घात लगाए सादी लिबास में एसटीएफ ने निरमपुर पचपैरिया लोहा पुल के बीचो बीच इनके काफिले को घेर लिया।हथियार बंद लोगो द्वारा घिर जाने पर सोहन राय के साथ रहा संजीत उर्फ़ दुअनिया ने आव देखा न ताव राइफल बोल्ट कर एसटीएफ की ओर तान दिया। तब तक एसटीएफ की टीम ने कुख्यात सोहन राय के काफिले को अपने घेरे में ले चूकी थी। खैर चारो तरफ से घिरा सोहन ने मौके की नज़ाकत को देखते हुए ज्यादा विरोध तो नहीं किया था।सब को अपनी गिरफ्त में लेकर पुलिस ने सोहन राय की गाडी से तीन रेग्यूलर राइफल और 200 जिंदा कारतूस बरामद किया। फिर काफ़िले में शामिल सभी 6 गाडियो की तलाशी ले कर सभी गाड़ियों को खंगाल डाला। तलाशी के बाद हथियारों की बरमदगी के समेत कुख्यात राय के साथ गाडी में मौजूद सभी को हिरासत में ले लिया और अपने साथ गाडी में बिठाकर चल पड़ी। वही सोहन की स्कोर्पियो को बाद में टो कर दीदारगंज थाने लाया गया था।           
                         सबसे चौकाने वाली बात रही 6 गाड़ियों के इस काफिले में राघोपुर के पूर्व विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के विधायक प्रतिनिधि रहे और लालू यादव से बेहद करीबी जुडाव वाले भोला राय का इस कुख्यात संग चलना ? दरअसल, सोहन राय राजधानी पटना से सटे दियारा इलाके में एक दशक से अपराध जगत का सिरमौर बना हुआ था, साथ ही अपने सियासी धमक और लालू परिवार से अपने तथाकथित जुड़ा का धौस जमाता हुआ कानून को लंबे समय से ठेंगा दिखा रहा था। पुलिस लगातार सोहन राय के गिरफ्तारी के लिए मुहिम चला रखी थी। गिरफ्तार राय और उसके साथियों को दीदारगंज थाना लाया गया। पुलिस हिरासत में होने के बावजूद सोहन राय की अकड़ कम होने का नाम नहीं ले रही थी। उसकी बेफिक्री और प्रखंड प्रमुख पद पर अपने आदमी की जीत का दावा लगातार जारी रहे। अपनी सियासी पहुच और सत्ता पक्ष से मिलने वाले संरक्षण के गुमान में वो लगातार जल्द ही पुराना रुतबा हासिल करने को लेकर आश्वस्त दीख रहा था।

                    

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