5 मार्च 2017

माले नेत्री मामला एफआईआर में गैंग रेप,पुलिस के जुबान पर छेड़खानी

# पीडि़ता के फर्दबयान में न छेड़खानी, न दुष्कर्म और न हीं दुष्कर्म के प्रयास की  बात
# कांड दर्ज होने के दो दिनों तक नहीं हो सकी मेडिकल जांच
# पीडि़ता भाजपा एवं आरएसएस कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी दर्ज कराई है प्राथमिकी

रविश कुमार मणि, वरीय संवाददाता

पटना Live डेस्क। राजधानी पटना में माले नेत्री मामला सुलझने से ज्यादा उलझता नजर आ रहीं हैं । एफआईआर में गैंग रेप की धारा लगीं हैं वहीं पुलिस छेड़खानी की बात कह रहीं हैं ।जबकि माले नेत्री के फर्दबयान में न तो दुष्कर्म ,न ही दुष्कर्म का प्रयास और न ही छेड़खानी की बात अंकित हैं।दो दिनों तक पुलिस पीडि़ता का मेडिकल जांच तक नहीं करा सकी। वहीं पीडि़ता ने एक दिन पहले भाजपा एवं आरएसएस के कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी हैं । गांव में घटना को लेकर तनाव व्याप्त हैं।
                       मृत व्यक्ति के खिलाफ चार्जशीट ,जेल में बंद व्यक्ति ने बाजार में गोलीबारी किया।इस तरह का अनुसंधान पटना पुलिस कर पहले भी चर्चा में रहीं हैं । लेकिन इस बार का मामला अजीबो-गरीब हैं। फुलवारी शरीफ थाने के धूपारचक की रहने वाली माले नेत्री अनिता देवी को बीते 2 मार्च की रात्री करीब 8 बजे , उसी के गांव के दबंगो ने बा-जबरदस्ती उठाकर गांव के बाहर चवर में ले गये। सुबह होते-होते मामला सुर्खियों में आ गया और इलाके से लेकर राजधानी के शहर एवं राजनीतिक गलियारें में सनसनी बन गयीं। माले नेत्री के साथ गैंग रेप की चर्चा हर जगह होने लगीं।विधान परिषद एवं विधानसभा में मामला उठ गया।
                           पीडि़ता माले नेत्री अनिता देवी घटना की सुबह करीब 9 बजे,तीन मार्च को फुलवारीशरीफ थाना पहुंची। पीडि़ता अनिता देवी के फर्दबयान सब इंस्पेक्टर सारीका सुमन ने अंकित किया अनिता देवी के फर्दबयान में लिखा हैं की गांव के पिन्टू सिंह ,मनीष सिंह ,भोला सिंह उर्फ दिलीप सिंह ,बब्लू सिंह ,अश्विनी सिंह ,संजीत सिंह ,विक्की उर्फ निर्भय सिंह एवं फुदू लोहार शाम सात बजे आएं और गाली गलौज करते हुये घर छोड़कर भाग जाने की धमकी दिये। लोगों के समझाने के बाद सभी भाग गये। पुनः एक घंटे बाद रात्री 8 बजे सभी आएं ,मैं खाना बनाने के लिए घर से बाहर जलावन लाने गयीं थी कि सभी मुझे उठाकर मारते-पीटते गांव के बाहर खेत में ले गये। इस दौरान मेरे साथ मारपीट किया एवं मेरा ब्लाउज एवं पेटीकोट फाड़ दिया।जब मैं हल्का की तो सभी भाग गये। 
                        माले नेत्री द्वारा दी गयीं फर्दबयान के अनुसार थानाध्यक्ष ने कांड संख्या 133 /17 ,धारा - 341 ,323 ,504 ,506 ,376 ,511 भादवि एवं 3 (1) (एक्स) एससी एसटी दर्ज करते हुये अनुसंधानकर्ता सब इंस्पेक्टर सारीका सुमन को बनाया।विधानसभा, विधानपरिषद, माले पार्टी एवं अन्य समाजिक संस्थाएं विरोध करना शुरू की तो पुलिस के वरीय पदाधिकारी मीडिया के समक्ष स्पष्ट रूप से कहें की पीडि़ता के साथ किसी तरह का गैंग रेप नहीं हुयी हैं। छेड़खानी की बात सामने आयीं हैं। एफआईआर पर गौर करें तो थानाध्यक्ष ने धारा -376 ( दुष्कर्म ) एवं 511 ( दुष्कर्म का प्रयास ) कैसे लगाया। जबकि पुलिस पीडि़ता के साथ छेड़खानी की बात करती हैं तो फिर धारा -354 क्यों नहीं लगाया।                      
                         जबकि पीडि़ता ब्लाउज एवं पेटीकोट फाडने का आरोप लगायी हैं। फर्दबयान में महिला ने न तो दुष्कर्म ,न दुष्कर्म का प्रयास और छेड़खानी की आरोप लगायी हैं। इस तरह फर्दबयान एवं दर्ज कांड संख्या में धारा लगाने की कार्रवाई में थानाध्यक्ष की भूमिका पुरी तरह से संदिग्ध दिख रहीं हैं। इससे भी बड़ी बात तो यह हैं कि घटना की जानकारी पुलिस को 3 मार्च सुबह 9 बजे मिलती हैं और इसके बावजूद 4 मार्च के पुरी दिन तक पीडि़त महिला का मेडिकल जांच नहीं कराया गया।
                       एसएसपी ने बीते शनिवार को कहां की पीडि़ता का 164 का बयान कोर्ट में दर्ज कराया जाएगा हालाँकि पुलिस सात आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी हैं।इधर इस घटना को लेकर गांव में तनाव व्याप्त हैं। दोनों पक्ष पुलिस के कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं ।आरोपियों के समर्थन में सड़क जाम कर प्रदर्शन किया गया हैं वहीं रविवार को पीडि़ता के पक्ष में भी लोगों ने बैठक कर धरना देने का निर्णय लिया हैं।वहीं पीडि़त महिला अनिता देवी ने एक दिन पूर्व 1 मार्च को माले के नेता एवं अपने साथ मारपीट ,भाजपा एवं आरएसएस कार्यकर्ताओं द्वारा करने का प्राथमिकी गर्दनीबाग थाने में दर्ज करायी हैं ।

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