# रविवार को बैंक बंद होने के बाद भी स्थानीय लोगों ने दोपहर में 3-4 बाइक वालो को बैंक के आसपास मंडराते देखा था।
# यानी अपराधियों ने रविवार को लूट का मॉक ड्रिल किया
# बलेरो के ड्राइवर को भी गोली लगी है।
# एक काले रंग की बाइक से 2 युवक बलेरो के पहुचने के साथ ही बैंक गेट पर पहुचे।
# बलेरो के आते ही पहले से मौजूद अपराधियों ने ताबड़ तोड़ फायरिंग शुरू कर दी यानी उन्हें पल पल की सूचना मिल रही थी।
पटना Live डेस्क। पटना के बाढ़ अनुमंडल के बेलछी थाना क्षेत्र के बाघा टीला में बैंक गार्ड को गोली मारकर पीएनबी बैंक की गेट पर से 8 की संख्या में रहे अपराधियो ने 60 लाख रूपये कैश लूट कांड को अंजाम दिया है। मिली जानकारी के अनुसार अपराधी 25-30 साल की उम्र के है। कुछ ने हेलमेट तो कुछ ने गमझा ले रखा था। 4 बाइक पर सवार कुल 8 अपराधी हरबे हथियार के संग आये थे। आते ही ताबड़ तोड़ फ़ायरिंग करते हुए 2 गार्ड्स जुगेश्वर दास और सुरेश कुमार सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि चालक अनंत कुमार बुरी तरह घायल हो गया। उसे पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। जानकारी के अनुसार बाढ़ नगर के स्टेशन रोड में स्थित पीएमबी ब्रांच से 60 लाख रुपए बक्से में लेकर कैश वैन 10.30 बजे बेलछी के बाघाटिल्ला गांव स्थित पीएनबी ब्रांच में देने के लिए चली।
इसमें ब्रांच मैनेजर राजेश प्रसाद, गार्ड जुगेश्वर दास , सुरेश कुमार सिंह तथा चालक अनंत कुमार सवार थे। कैश के साथ बोलेरो बाघा टिल्ला बैंक गेट के पास पहुंची। बैंक मैनेजर राजेश प्रसाद ब्रांच में गए। इसी दौरान घात लगाए बाइक सवार तीन अपराधियों ने अचानक हमला कर पिस्तौल से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इसमें गार्ड जुगेश्वर दास और सुरेश कुमार सिंह की मौके पर ही मौत हो गई जबकि बोलेरो चालक अनंत कुमार के सीने और पैर में गोली लगी। वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया।
अब जरा मामले के स्याह पहलुओं को जोड़ने की कोशिश की जाय तो मामला बिलकुल साफ़ साफ़ किसी अंदरूनी यानी बैंक स्टाफ के सहयोग के बिना संभव नहीं दिखता है।अमूमन बाढ़ से पीएनबी ब्रांच को पैसे की डिलिवरी कैश वैन के मार्फ़त होती है। यदाकदा ही कभी कभार बलेरो का इस्तेमाल होता है। बाढ़ से पैसे लेकर बलेरो तक़रीबन10:30 बजे पीएनबी बैंक के गेट पर पहुची।अभी बलेरो का इंजन स्टार्ट ही था कि पहले से तैयार अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।यानी अपराधी पहले से ही बैंक गेट पर मौजूद थे और उन्हें पल पल की जानकारी मिल रही थी।फायरिंग के दौरान एक बाइक और आई मतलब इसी बाइक से अपराधियों के साथी बाढ़ से ही बलेरो के पीछे हो लिए थे। यानी सब कुछ पहले से ही सुनियोजित था।
चुकी बैंक रविवार की छुट्टी के बाद खुला था। कैश की जरुरत थी। अमूमन इस ब्रांच में पेंशनधारकों और सरकारी स्किम का भुगतान बढे पैमाने पर होता है।वही स्थानीय इनपुट के अनुसार रविवार को बैंक बंद होने के बाद भी स्थानीय लोगों ने दोपहर में 3-4 बाइक वालो को बैंक आसपास मंडराते देखा था। यानी अपराधियों ने रविवार को लूट का मॉक ड्रिल किया था। मतलब स्पष्ट है उन्हें मालूम था कि कल यानी सोमवार की सुबह पीएनबी शाखा में बड़े पैमाने पर कैश आने वाला है। इसकी माकूल जानकारी तो बैंक कर्मचारियों को ही रही होगी साथ ही ब्रान्च मैनेजर और पैसा लाने वाले कर्मी को। लेकिन जिस अंदाज से अपराधियों ने महज कुछ मिनटों में घटना को अंजाम दिया उन्हें तमाम जानकारियों का भान था, ऎसा प्रतीत होता है।
इस तमाम दलीलों और स्थानीय इनपुट का लब्बोलुआब यही है कि शातिर अपराधियों के गट को इलाके की जानकारी समेत बाढ से बोलेरों से 60 लाख रूपये सोमवार को पीएनबी बेलछी लाए जाने की पुख्तका जानकारी थी। सब कुछ पहले ने सुनियोजित साज़िश के तहत अंज़ाम दिया गया हैं। कोई बैंक से जुड़ा या कर्मी अपराधियों से वाकिफ़ है या साज़िश में शामिल है इसकी सभांवना सबसे ज्यादा है।
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