पटना Live डेस्क। यूपी में विधान सभा चुनाव के शंखनाद के बाद से सियासी दलों द्वारा टिकट वितरण की आखरी प्रक्रिया शुरू हो गई है। पूर्वांचल के सबसे बड़े माफिया डॉन की उपाधि धारण कर रखे जेल में बंद मुख़्तार अंसारी को मऊ सदर सीट से टिकट न देकर सपा ने अल्ताफ अंसारी को टिकट दिया है।
समाजवादी पार्टी के नए मुखिया अखिलेश यादव के इस कदम से साफ़ हो गया है कि अखिलेश अंसारी बंधुओं से दूरी बनाए रखेंगे। रविवार को पार्टी ने 77 उम्मीदवारों की सूची जारी की है। इस लिस्ट में मुख्तार अंसारी की मऊ सदर सीट से अल्ताफ अंसारी का नाम है। विदित हो कि अल्ताफ ने पिछले विधानसभा चुनाव में मुख्तार को कड़ी टक्कर देते हुए 54 हजार 216 वोट हासिल किये थे। जबकि मुख्तार अपने क़ौमी एकता दल के सिम्बल और भासपा के समर्थन की बिना पर कुल 70 हजार 210 वोट पाकर निर्वाचित हुए थे। उल्लेखनीय है कि मुख्तार ने 2007 के विधानसभा चुनाव में भी 70 हजार 226 वोट पाकर जीत दर्ज कराई थी। वही समाजवादी पार्टी ने अपना उम्मीदवार खड़ा न कर मुख़्तार को वॉक ओवर दिया था।
उल्लेखनीय है अंसारी बंधुओं अपनी पार्टी कौमी एकता दल का विलय समाजवादी पार्टी में कराकर कर आश्वस्त है कि सपा इनका ख्याल रखेगी। हालांकि कौएद के विलय को लेकर ही सपा में शिवपाल और अखिलेश में गृहयुद्ध शुरू हुआ था। बावजूद इसके मुख्तार अंसारी तथा उनके बड़े भाई गाजीपुर के मुहम्मदाबाद से विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी ने अखिलेश के नेतृत्व के समर्थन में हलफनामा दिया था। लेकिन जारी सूची से यह तो साफ हो गया कि मुख्तार अंसारी को अखिलेश यादव वाकओवर नहीं देंगे।
अब रही बात मुहम्मदाबाद सीट की तो घोषित सूची में मुहम्मदाबाद के अलावा गाजीपुर की सदर,जहूराबाद,जंगीपुर,जखनियां विधानसभा सीट से उम्मीदवारों के नाम इस सूची में शामिल नहीं हैं।लिहाजा मुहम्मदाबाद के विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी को लेकर फिलहाल कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
23 जनवरी 2017
मुख़्तार को न तो टिकट न वॉक ओवर दिया सपा ने
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