पटना Live डेस्क। कोल नगरी धनबाद के सिंह मेंशन से जुड़े नीरज सिंह हत्याकांड की जांच में एसआईटी को एक बड़ी सफलता मिली है। एसआईटी ने गुरुवार देर रात बिहार के समस्तीपुर डब्बू मिश्रा उर्फ मुन्ना को उसके एक साथी संग दबोच लिया। डब्बू के संबंध में पुलिस का दावा है कि उसने ही नीरज की हत्या के लिए अन्य शूटरों की व्यवस्था की थी। इसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस का अगला लक्ष्य यूपी के शूटरों को दबोचना है।
समस्तीपुर में गिरफ्तार डब्बू मिश्रा को रंजय सिंह का दोस्त बताया जा रहा है। इसने ही नीरज की हत्या के लिए आये अन्य शूटरों के ठहरने की व्यवस्था की थी। कुसुम बिहार के जिस मकान में शूटरों को इसने ठहराया था।उसके मकान मालिक फोटो से इसकी पहचान की है। इसके कॉल डिटेल से पता चला है कि यह लगातार रंजय के बड़े भाई संजय की संपर्क में था। पुलिस ने संजय को पहले ही इस मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
बकौल पुलिस नीरज सिंह की हत्या, रंजय की हत्या का जबाबी कार्रवाही था। डब्बू रंजय का बेहद करीबी दोस्त था, साथ ही वह रंजय के लिए काम करता था। डब्बू रंजय के करीबियों की बनारस कोयला मंडी में मदद किया करता था। 29 जनवरी को रंजय की सरेआम हत्या के बाद से वह लगातार बदला लेने की बात कर रहा था। रंजय की हत्या के लिए वह नीरज सिंह, इनके छोटे भाई एकलव्य सिंह व उनके मौसेरे भाई हर्ष सिंह को जिम्मेवार मानता था। इसकी जानकारी उसने संजय को भी दी थी।
बकौल पुलिस के रंजय के श्राद्ध से पहले ही वह यूपी से अन्य शूटरों को लेकर धनबाद पहुंच गया था। फिर एकलव्य की रेकी के लिए अपने करीबी व रंजय के दोस्तों को लगाया। लेकिन एकलव्य की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए नीरज को टारगेट बनाया गया।
पुलिस के अनुसार हत्यारों ने इत्मीनान से नीरज समेत चार को निशाना बना कर दो तरफ से करीब सात से आठ मिनट फायरिंग की। केवल नीरज को 67 गोलियां मारी गई। इसमें 40 गोलियां शरीर के आर-पार कर गई थी। 17 गोलियां पोस्टमार्टम के समय शरीर से निकाला गया गया था। वहीं, अन्य को तीन से सात गोलियां मारी गई। अब जो पुलिस की जांच में बात सामने आयी है, उसके अनुसार इस हत्याकांड में केवल छोटे अत्याधुनिक रिवाल्वरों का प्रयोग हुआ है।
1 अप्रैल 2017
समस्तीपुर से गिरफ्तार मुन्ना उर्फ डब्लू मिश्रा खोलेगा नीरज हत्याकण्ड का सच
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