8 अप्रैल 2017

रीतलाल का गुर्गा गिरफ़्तार खोले रंगदारी से जुड़े कई राज

पटना Live डेस्क। बिहार की सियासत में कई ऐसे चेहरे हैं जिनपर अपराधिक आरोप हैं तो कई ऐसे भी हैं जो आपराधिक गतिविधियों में अभी भी शामिल हैं। आतंक ऐसा है कि इनके नाम के पहले बाहुबली जोड़ा जाता है। वैसे तो इनका धंधा काला होता है लेकिन अपनी कॉलर को सफेद रखने के लिए ये राजनीति का दामन थाम लेते हैं। हम बात कर रहे हैं पटना के दानापुर निवासी एमएलसी रितलाल यादव उर्फ मुखिया जी की जिनका आतंक पटना समेत पूरे सूबे में कुछ इस तरह कायम है कि लंबे वक़्क्त से बेउर जेल में कैद रहने के बावजूद भी लाखों-करोड़ों की हफ्ता वसूली,अवैध जमीन कब्‍जा, रंगदारी, सरकारी टेंडर मैनेज करना और ठेकेदारों से बतौर कमिशन मोटी रकम की उगाही का काम किया जाता है।
                      इस बात पर फिर एक मुहर लगी जब पटना पुलिस के हत्थे चढ़े एक अपराधी ने पूछताछ में एक अहम खुलासा करते हुए बताया कि वह जेल में बंद विधान पार्षद रितलाल यादव के इशारे पर रंगदारी वसूलने और अपराधिक वारदातों को अंजाम देने का काम करता रहा है। गिरफ्तार अपराधी का नाम सोनू कुमार है।वह मूल रूप से नालंदा जिले का रहने वाला है। उसने पुलिस के समक्ष यह स्वीकार किया कि वह रितलाल यादव का भरोसेमंद गुर्गा है।उसी के इशारे पर काम करता है। ठेकेदारों से रंगदारी वसूलता है।साथ ही पेटी कांट्रैक्टर का भी काम करता है।
                            वही सोनू ने यह भी कुबूल किया है कि वह  एक लाख अस्सी हजार के टेंडर का  4 प्रतिशत बतौर रंगदरी लेता था। वही उसका कहना है कि लंबे समय से जेल में बंद रीतलाल यादव जेल से ही मोबाइल के जरिये इंटरनेट के जरिये ऑनलाइन टेंडर का सारा हिसाब किताब देखता है।
                        

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